बीमाधारकों को फायदा पहुंचाने वाले बदलाव हुए, पर चुनौतियां भी बढ़ीं

बीमाधारकों को फायदा पहुंचाने वाले बदलाव हुए, पर चुनौतियां भी बढ़ीं


2024 अपने अंत की तरफ बढ़ गया औ अब कुछ दिनों में 2025 का आगाज हो जाएगा। साल 2024 में शेयर बाजार और महंगाई दर के साथ इंश्योरेंस सेक्टर के सामने भी कई चुनौतियां खड़ी थी। इन चुनौतियों के साथ इंश्योरेंस सेक्टर को कई फायदे भी हुए हैं। हम आपको नीचे बताएंगे कि साल 2024 में इंश्योरेंस सेक्टर का प्रदर्शन कैसा रहा?

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इंश्योरेंस सेक्टर का प्रदर्शन कैसा रहा?

इस साल भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में कई बदलाव देखने को मिले हैं। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 100 फीसदी तक बढ़ाने के प्रस्ताव से नई कंपनिया आकर्षित हुई। इसके अलावा इंश्योरेंस सेक्टर के इनोवेशन में तेजी और बेहतर सेवाओं की उम्मीद है।

इसके अतिरिक्त 70 आयु से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को कवर करने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) का विस्तार बुजुर्ग लोगों के लिए अधिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करता है।

इस बीच हेल्थ और व्हीकल इंश्योरेंस (Vehicle Insurance) में भी वृद्धि हुई है। इस मजबूती ने बाजार के समग्र विस्तार में योगदान दिया। ये सुधार उपभोक्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए तैयार हैं।

बाजार तक पहुंच बढ़ाने के लिए भारत की नजर बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई पर बनी हुई है। दरअसल, इंश्योरेंस सेक्टक के विकास और विस्तार को बढ़ावा देने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता है। भारतीय बीमा उद्योग में अधिक पूंजी आकर्षित करने के लिए, सरकार ने हाल ही में एक परामर्श पत्र जारी किया है जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा को 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का प्रस्ताव है। यह प्रस्ताव ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आया है, क्योंकि कई वैश्विक और उभरते बाजारों की तुलना में भारत में कुल मिलाकर बीमा की पहुंच अपेक्षाकृत कम है।” – राकेश गोयल, डायरेक्‍टर – प्रोबस



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